अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की, जिनको अपनी ऊंचाई पर गरूर है 😎

हमारी मंजिलें हमेशा हमारे सामने होती हैं, लेकिन जब तक हम खुद पर विश्वास नहीं रखते, तब तक उन्हें हासिल नहीं कर सकते। “अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की” का मतलब है कि हमें उन चीजों या लोगों को चुनौती देनी है जो अपनी स्थिति या ऊंचाई पर गर्व करते हैं, यह हमें और भी मजबूती से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। मंजिल को पाने के लिए मेहनत और संघर्ष की ज़रूरत होती है, न कि सिर्फ गर्व करने से।

हमारी यात्रा के दौरान कभी भी किसी की अकड़ या घमंड हमें रोक नहीं सकता। इस शायरी का संदेश है कि सफलता की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद हमें अपनी मेहनत पर गर्व करना चाहिए, न कि सिर्फ ऊंचाई पर। हमारी असली ताकत और सफलता तब होती है, जब हम बिना घमंड के अपने रास्ते पर चलते हैं।

लोग कुछ भी कहे 😎 हम वही करेंगे 🤟 जो हमे अच्छा लगे ❤ क्योंकी वो वो है 😎 और हम हम है ☠ 🤟

“हमेशा अपनी पहचान और आत्मविश्वास के साथ जीना चाहिए, क्योंकि जो हम हैं वही मायने रखता है। किसी की भी राय हमें प्रभावित नहीं करती, क्योंकि हम वही करते हैं जो हमें अच्छा लगता है। यह शायरी हमें खुद के फैसले पर गर्व करने और अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए प्रेरित करती है। खुद को स्वीकार करने का अहसास है।”

लोगों को क्या फर्क पड़ता है 
हम वो करेंगे जो दिल कहे 😎
हम वही करेंगे जो हमें अच्छा लगे,
 फर्क नहीं पड़ता किसी को 😎
लोग कुछ भी कहे 😎 हम वही करेंगे 🤟 जो हमे अच्छा लगे ❤ क्योंकी वो वो है 😎 और हम हम है ☠ 🤟
जो हम हैं, वो हम हैं,
 किसी के कहने से क्या फर्क पड़ता 😏
लोग क्या कहेंगे, हम खुद 
की पहचान से जीते हैं 😌

हम 😎क्यो❓डरे किसी✊👊👊 #से, #हम तो 👳पैदा ही शेरो🦁 👉 की #बस्ती🏢👈मे हुए है _डरना है, 🙀 तो वो👉

“जब हम शेरों की बस्ती से आए हैं, तो डर किससे? यह शायरी उन लोगों के लिए है जो अपनी ताकत और आत्मविश्वास को समझते हैं। हमसे कोई नहीं डर सकता, क्योंकि हम डर को पहचानते ही नहीं। खुद के हौंसले और मजबूत इरादों के साथ जीने के लिए यह शायरी हर व्यक्ति को प्रेरित करती है। डर को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है।”

हम किसी से नहीं डरते, 
क्योंकि शेर की बस्ती में पैदा हुए हैं 🦁
हम डरने वाले नहीं, 
शेरों की तरह जिएं हैं हम 👊
हम 😎क्यो❓डरे किसी✊👊👊 #से, #हम तो 👳पैदा ही शेरो🦁 👉 की #बस्ती🏢👈मे हुए है _डरना है, 🙀 तो वो👉
शेर की बस्ती में पैदा हुए हैं, 
डर को जानते नहीं 🦁
डरना है तो उन लोगों से डर 
जो खुद को शेर समझते हैं 🦁

कुछ चीजें पैसो से नहीं मिलती, और मुझे उन्ही चीजो का शौक है 😎 😏 😉 😎

“पैसा कुछ चीजें नहीं खरीद सकता, जिनका असली मूल्य दिल से होता है। यह शायरी हमें यह समझाने की कोशिश करती है कि सच्ची खुशियां और प्यार कभी पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। यह उन चीजों की ओर इशारा करती है जो पैसों से कहीं ज्यादा कीमती हैं और जो हमें बिना किसी शर्त के मिलती हैं। हमें इन्हीं शीजों का शौक है।”

पैसा सब कुछ नहीं खरीद सकता,
 कुछ चीजें दिल से मिलती हैं 😎
कुछ चीजों का सच में कोई मूल्य नहीं,
 वो पैसे से नहीं मिलती 😏
कुछ चीजें पैसो से नहीं मिलती, और मुझे उन्ही चीजो का शौक है 😎 😏 😉 😎
कुछ ख्वाब पैसो से नहीं मिलते,
 उन ख्वाबों का पीछा करते हैं 😎
पैसा नहीं, मुझे वो चीजें पसंद
 हैं जो दिल से जुड़ी हों 😎

गूलाम हूं अपने घर के संस्कारों का, वरना मै भी लोगों को उनकी औकात दिखाने का हूनर रखता हुं

“संस्कारों में बंधा एक इंसान अपनी पहचान बनाए रखता है, लेकिन कभी भी अपनी ताकत और हिम्मत दिखा सकता है। यह शायरी उन लोगों के लिए है जो सही मार्ग पर चलते हुए भी अपनी ताकत को समझते हैं। संस्कारों के साथ-साथ आत्मविश्वास भी जरूरी है, जो हमें अपनी पहचान को बनाए रखने में मदद करता है और जरुरत पड़ने पर औकात भी दिखा सकते हैं।”

मैं संस्कारों का ग़ुलाम हूं, वरना 
औकात दिखाने का हूनर रखता हूं 💥
घर के संस्कारों में बंधा हूं,
 वरना किसी को औकात दिखा सकता हूं 😎
गूलाम हूं अपने घर के संस्कारों का, वरना मै भी लोगों को उनकी औकात दिखाने का हूनर रखता हुं
संस्कारों से बंधा हूं, लेकिन अगर 
चाहूं तो औकात दिखा सकता हूं 😏
संस्कारों ने रोका है,
 वरना मैं भी औकात दिखाने में माहिर हूं 👑

Conclusion

यह शायरी हमें यह संदेश देती है कि हमें अपनी मंजिलों की ओर बढ़ते हुए किसी भी कठिनाई से डरना नहीं चाहिए, चाहे वह कितनी भी ऊंची क्यों न हो। अक्सर लोग अपनी सफलता या स्थिति पर घमंड करते हैं, और यह सोचते हैं कि वे हर किसी से ऊपर हैं। लेकिन, असली साहस और ताकत तब दिखती है जब हम उन घमंड भरी ऊंचाइयों को चुनौती देते हैं। अकड़ तोड़ने का मतलब है अपने आत्मविश्वास और मेहनत से उन चुनौतियों को पार करना जो हमारे रास्ते में आती हैं।

यह शायरी हमें यह प्रेरणा देती है कि हम कभी भी अपने सपनों की ओर बढ़ने से रुकें नहीं, क्योंकि मुश्किलें तभी बड़ी लगती हैं जब हम खुद को कमजोर समझते हैं। असली सफलता तब मिलती है जब हम अपनी मेहनत और आत्मबल से उन ऊंचाइयों को छूते हैं, जिन पर लोग गर्व करते हैं।

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