ऊँचा 😲 उड़कर इतना 😡 ना इतराओ 👿 परिंदो, अगर में औकात ☹ पर आ गया तो आसमान खरीद 💰 लूंगा

इस कविता में परिंदों की उड़ान और उनकी आत्ममुग्धता को चुनौती दी गई है। जब वे आसमान में ऊँचाई पर … Continue reading ऊँचा 😲 उड़कर इतना 😡 ना इतराओ 👿 परिंदो, अगर में औकात ☹ पर आ गया तो आसमान खरीद 💰 लूंगा